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Monday, March 1, 2021

मां की गोताखोरी

                     

मां की गोताखोरी कि दास्तां ही अलग है,क्योंकि ये सबसे सजग है।

मां के गोताखोरी में कभी हाथ खाली नहीं जाती, 

हर बार एक न एक अमूल्य मोती अपने साथ ले आती, 

तभी तो मां की गोताखोरी कि दास्तां अलग है,क्योंकि ये सबसे सजग है।

न जाने मां तू इन मोती में ले आती वो निखार ,

जो पूरी दुनिया में दिखता है मानवता का चमत्कार।

न जाने मां तू ढूंढ लाती इन मोती को कहा से,

जो करता है दुर्गम पथ को भी सरलता से  पार।

न जाने मां इन मोती को संवारने में कितनी बाधाओं करती हो पार,

जिससे इन मोती के भविष्य को देती हो उज्ज्वल आकर।

न जाने तू इन मोती को देती कैसी आकर , 

जिससे इन मोती के जीवन में खुलते हैं खुशियों के द्वार।

न जाने मां तू इन मोती को देती कितना प्यार,

जो मोहबब्त की बारिश कि बूंदे बनकर ले आती हैं पूरी मानवता में खुशियों कि त्योहार।

तभी तो मां कि गोताखोरी कि दस्ता ही अलग है जो सबसे सजग है।

                            ।।।। विक्की।।।

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